वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-
लखनऊ- प्रदेश में 750 से अधिक वक्फ संपत्तियों का गलत उपयोग किया जा रहा है। वक्फ बोर्ड की तरफ से यह संपत्तियां लोगों को रहने के लिए, धार्मिक कार्यों व शैक्षणिक कार्यों तथा कबिस्तान के लिए दी गई थीं, लेकिन मौके पर उनका उपयोग किन्हीं और कारणों के लिए किया जा रहा है।
विभिन्न जिलों से इस संदर्भ में शासन को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में दूसरे कार्यों में उपयोग की जा रही सर्वाधिक वक्फ 204 संपत्तियां रामपुर में हैं। इनमें से कई संपत्तियों का उपयोग व्यवसायिक कार्यों में भी किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 में सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों में स्थित वक्फ संपत्तियों की रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रदेश भर में वक्फ संपत्तियों की रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर शासन ने इन संपत्तियों की दोबारा जांच कराने के निर्देश दिए थे।
शासन को भेजी गईं 2528 वक्फ संपत्तियों की रिपोर्ट-
अभी तक शासन को करीब 2,528 वक्फ संपत्तियों की रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। इनमें 761 संपत्तियां ऐसी हैं जिनका उपयोग किन्हीं और कार्यों में किया जा रहा है।
कई संपत्तियों का उपयोग व्यवसायिक कार्यों में भी किया जा रहा है, जबकि 25 संपत्तियों को वक्फ संपत्तियां घोषित करने के मामले को अदालत में चुनौती दी गई है। इनमें चंदौली की सबसे अधिक 15 और मुजफ्फर नगर की चार संपत्तियां हैं। इसके अलावा बाराबंकी, हमीरपुर, झांसी, कासगंज, लखीमपुर खीरी व सिद्धार्थनगर की एक-एक संपत्ति के मामले अदालत में लंबित हैं।
अभी तक की जांच रिपोर्ट के अनुसार अंबेडकर नगर में 15 संपत्तियों का सही और 15 का उपयोग दूसरे कार्यों में हो रहा है। अमेठी में छह का उपयोग सही और छह का उपयोग दूसरे कार्यों में, इटावा में 11 का सही और 11 का गलत उपयोग हो रहा है। गौतमबुद्ध नगर में एक-एक, हमीरपुर में चार का सही और एक का गलत उपयोग हो रहा है। अमरोहा में पांच का सही एक का गलत उपयोग हो रहा है।
बागपत में 44 का सही चार का गलत उपयोग, बाराबंकी में 21 में से तीन संपत्तियों का उपयोग दूसरे कार्यों में किया जा रहा है। इसी प्रकार झांसी में 20 में से एक संपत्ति का उपयोग दूसरे कार्य में किया जा रहा है।
इन जिलों में वक्फ संपत्तियों का हो रहा है सबसे ज्यादा दुरुपयोग-
रिपोर्ट के अनुसार मुजफ्फर नगर में 1,498 का सही और 178 संपत्तियों का उपयोग दूसरे कार्यों में किया जा रहा है। इसी प्रकार सहारनपुर में 108 का सही 112 का दूसरे कार्यों में उपयोग हो रहा है। आगरा में एक वक्फ संपत्ति का सही मायने में उपयोग किया जा रहा है, जबकि 98 का उपयोग अन्य कार्यों में किया जा रहा है।
बस्ती में पांच संपत्तियों का सही और 47 का उपयोग दूसरे कार्यों में हो रहा है। उन्नाव में सात का सही और 40 का दूसरे कार्यों में, लखीमपुर खीरी में 23 का सही 20 का दूसरे कार्यों में, पीलीभीत में 17 संपत्तियों का सही और 17 का अन्य कार्यों में उपयोग किया जा रहा है।